उत्तराखंड

ग्रामोत्थन परियोजना द्वारा रुड़की ब्लॉक के संकुल स्तरीय सहकरिताओं में “आधुनिक तकनीकी द्वारा चारा उत्पादन” पर दिया गया विशेष प्रशिक्षण, हरीद्वार जिले में नई नई तकनीकी की आएगी क्रांति – संजय सक्सेना, जिला परियोजना प्रबंधक

रिपोर्ट – अनिल सैनी।

रुड़की। रेप परियोजना  जिले के हर ब्लॉक स्तर पर आधुनिक तकनीकी पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं इसी क्रम में रुड़की ब्लॉक के तंशीपुर ग्राम में वरदान CLF के तत्वावधान में चारा उत्पादन की आधुनिक तकनीकों पर आधारित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में सहायक विस्तार (कृषि एवं पशुपालन) अनुज कुमार ने मुख्य ट्रेनर की भूमिका निभाई, जिसमें 20 प्रगतिशील पशुपालक किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को चारा उत्पादन के महत्व, उसकी आवश्यकता और सही फसलों के चयन के बारे में विस्तृत जानकारी देना था, ताकि वे अपने पशुओं के लिए पोषक और गुणवत्तापूर्ण चारा उत्पादन कर सकें।

प्रशिक्षण में चारा उत्पादन की पूरी प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें भूमि की तैयारी, सही बीजों का चयन, बुआई, सिंचाई, निराई और उर्वरक का सही उपयोग शामिल था। भूमि की तैयारी के तहत मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार के लिए उचित जुताई और खाद के इस्तेमाल पर जोर दिया गया। बीज चयन में पौष्टिक और अधिक उत्पादन वाली फसलों का चयन करने की सलाह दी गई, जिनमें नेपियर घास, मक्का, जौ, ज्वार, बाजरा और बरसीम जैसी प्रमुख चारा फसलें शामिल थीं।

साथ ही, प्रशिक्षण में CSA (क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर) आधारित चारा उत्पादन पद्धतियों पर चर्चा की गई, ताकि जलवायु परिवर्तन के असर को कम करते हुए बेहतर चारा उत्पादन किया जा सके। किसानों को चारा उत्पादन में आने वाली समस्याओं, जैसे कि फसल कीट, बीमारियां और कम उत्पादन के कारणों पर चर्चा की गई और उनके समाधान के लिए सुझाव दिए गए।

इसके अतिरिक्त, परियोजना के तहत मिलने वाले सहयोग, नए उपकरणों और तकनीकों के उपयोग पर भी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीकों से अवगत कराना था, जिससे वे अधिक पोषक और बेहतर गुणवत्ता का चारा उत्पादन कर सकें। इससे पशुओं के स्वास्थ्य और दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि होने की संभावना है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।

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