रिपोर्ट – अनिल सैनी।
नारसन। मुख्य अधिकारी महोदया के निर्देशन में जिला परियोजना प्रबंधक (ग्रामोत्थान परियोजना) संजय सक्सेना द्वारा हरिद्वार जिले के नारसन ब्लॉक में विभिन्न ग्रामों का भ्रमण किया गया। इस दौरान कलेक्शन सेंटर निर्माण और अन्य उद्यमिता गतिविधियों का भौतिक निरीक्षण किया गया। भ्रमण का उद्देश्य परियोजना के तहत प्रस्तावित कार्यों की प्रगति का आकलन करना और आवश्यक निर्देश प्रदान करना था।
कलेक्शन सेंटर हेतु स्थान चयन:-
जिला परियोजना प्रबंधक ने सपना सीएलएफ के अंतर्गत नगला इमाद गांव, प्रेरणा सीएलएफ के लाठरदेवा हुण और बसवा खेड़ी गांव, नारी शक्ति सीएलएफ के सढोली और मखदुमपुर गांव, तथा श्री राधेकृष्णा सीएलएफ के मुंडलाना गांव में प्रस्तावित कलेक्शन सेंटरों के लिए स्थानों का भौतिक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के बाद नारी शक्ति सीएलएफ के सढोली, प्रेरणा सीएलएफ के बसवा खेड़ी, और श्री राधेकृष्णा सीएलएफ के मुंडलाना गांवों में कलेक्शन सेंटर निर्माण हेतु स्थान को स्वीकृति दी गई। इन स्थानों का चयन उनकी सामरिक स्थिति, उत्पादों की मात्रा, और लाभार्थी समूहों के दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर किया गया।
कलेक्शन सेंटरों की स्थापना से स्थानीय उत्पादकों और किसानों को उनके उत्पादों के भंडारण, प्रसंस्करण और विपणन में सहूलियत मिलेगी। यह पहल उत्पादकों की आय बढ़ाने और बाजार तक उनकी पहुंच को मजबूत करने के उद्देश्य से की जा रही है।
सपना सीएलएफ के आटा चक्की एंटरप्राइजेज का निरीक्षण:-
सपना सीएलएफ, लिब्बरहेडी के अंतर्गत गुरुदेव स्वयं सहायता समूह और गुरुकृपा स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाए जा रहे आटा चक्की उद्यमों का भौतिक निरीक्षण भी किया गया।
निरीक्षण के दौरान इन उद्यमों की प्रगति, मशीनरी की स्थिति, और उनके संचालन की संभावनाओं का मूल्यांकन किया गया। जिला परियोजना प्रबंधक ने उद्यमों की गतिविधियों में परियोजना के समर्थन हेतु आवश्यक दस्तावेज जिला परियोजना कार्यालय, विकास भवन हरिद्वार में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं और समूहों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके लिए सतत आजीविका के अवसर पैदा करना है। आटा चक्की उद्यम से क्षेत्रीय स्तर पर रोजगार सृजन के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाले आटे की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
भ्रमण में शामिल अधिकारी और स्टाफ:-
भ्रमण के दौरान ब्लॉक स्तरीय मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन (M&E), लाइवलीहुड कोऑर्डिनेटर (LC), कृषि विस्तारक, और संबंधित सीएलएफ के स्टाफ मौजूद रहे। उन्होंने जिला परियोजना प्रबंधक को विभिन्न गतिविधियों और योजनाओं की वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
ग्रामोत्थान परियोजना के तहत प्रगति और भविष्य की योजनाएं:-
ग्रामोत्थान परियोजना के अंतर्गत कलेक्शन सेंटरों और उद्यमिता गतिविधियों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना और महिलाओं व स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। कलेक्शन सेंटरों के निर्माण से उत्पादकों और किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा, यह पहल क्षेत्रीय स्तर पर उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और स्थानीय स्तर पर उत्पादकता में सुधार लाने के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगी।
भविष्य में इन कलेक्शन सेंटरों को आधुनिक तकनीक से लैस करने और डिजिटल मार्केटिंग से जोड़ने की योजना भी प्रस्तावित है। इससे ग्रामीण उत्पादकों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच प्राप्त होगी।
मुख्य विकास अधिकारी महोदया के निर्देशन में जिला परियोजना प्रबंधक द्वारा किया गया यह निरीक्षण ग्रामोत्थान परियोजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार की योजनाएं न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करती हैं, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर भी सृजित करती हैं। परियोजना के सफल क्रियान्वयन से हरिद्वार जिले में समग्र विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।
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