उत्तराखंड

*लैमनग्रास की खेती से ग्रामीण किसानों की आय में वृद्धि – सिकरोड़ा ग्राम पंचायत बना उदाहरण*

ब्यूरो रिपोर्ट।

हरीद्वार। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) एवं सुगंधित पौध केंद्र (कैप) के तहत केंद्राभिसरण योजना के अंतर्गत विकासखंड भगवानपुर के ग्राम पंचायत सिकरोड़ा में वर्ष 2018-2019 से 2024-2025 तक लगभग 120 किसानों ने 60 हेक्टेयर में लैमनग्रास की खेती कर अपनी आय के साधनों में वृद्धि की। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए, जिससे लघु एवं सीमांत किसानों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला।

लैमनग्रास खेती से किसानों को मिला स्वरोजगार:-

लैमनग्रास की खेती अपनाकर किसानों ने न केवल अपनी आजिविका को सशक्त बनाया, बल्कि उन्होंने अन्य श्रमिकों को भी रोजगार उपलब्ध कराया। इस पहल के सकारात्मक परिणामों को देखते हुए, किसानों ने लैमनग्रास तेल निकालने की तीन यूनिट स्थापित की, जिससे उन्हें अधिक मुनाफा प्राप्त हुआ। वर्तमान में किसान लैमनग्रास से उत्पादित तेल को बाजार में उचित मूल्य पर विक्रय कर रहे हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना रहे हैं।

लैमनग्रास से अन्य उत्पादों का निर्माण:-

 

ग्राम पंचायत सिकरोड़ा के किसान अब लैमनग्रास से अन्य उत्पाद भी बना रहे हैं, जिससे उनकी आय में और अधिक वृद्धि हो रही है। इनमें लैमनग्रास से साबुन, तेल और परफ्यूम जैसे उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इस पहल में विशेष योगदान देने वाले प्रमुख किसान फरमूद खाँ, शाहिद खाँ, फारुख खाँ और राजवीर जैसे कृषकों का नाम शामिल है, जिन्होंने इस क्षेत्र में सफल प्रयोग किए हैं।

मुख्य विकास अधिकारी का दृष्टिकोण:-

 

मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार द्वारा जानकारी दी गई कि वर्तमान में सुगंधित पौध केंद्र (कैप) के सहयोग से लैमनग्रास की खेती से प्रति हेक्टेयर 200 किलोग्राम तेल का उत्पादन हो रहा है। यह तेल ₹1150 प्रति किलोग्राम के समर्थन मूल्य पर विक्रय किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, लैमनग्रास से साबुन, तेल और परफ्यूम का निर्माण भी किया जा रहा है, जिससे किसानों को और अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है।

ग्राम पंचायत सिकरोड़ा में लैमनग्रास की खेती किसानों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण और सतत विकास का एक बेहतरीन उदाहरण बन चुकी है। इस पहल से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, बल्कि अन्य ग्रामीण श्रमिकों के लिए भी रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हुए हैं। भविष्य में इस योजना का विस्तार कर अधिक से अधिक किसानों को इससे जोड़ने की योजना बनाई जा रही है, जिससे हरिद्वार जिले में लैमनग्रास उत्पादन और उससे जुड़े उद्योग को और अधिक बढ़ावा दिया जा सके।

anilkumar

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