उत्तराखंड

*ग्रामोथन परियोजना द्वारा वेस्ट फ्लावर रिप्रोसेसिंग तकनीकी प्रशिक्षण संपन्न*

 

*वेस्ट फ्लावर रिप्रोसेसिंग तकनीकी प्रशिक्षण संपन्न*

 

हरिद्वार, 07 फरवरी 2025 – मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती आकांक्षा कोण्डे महोदया के निर्देशों के क्रम में, ग्रामोत्थान परियोजना के सहयोग से देहरादून स्थित “देवभूमि टेम्पल फ्लावर रिप्रोसेसिंग” में दिनांक 06 फरवरी से 07 फरवरी 2025 तक दो दिवसीय “वेस्ट फ्लावर रिप्रोसेसिंग तकनीकी प्रशिक्षण” का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का नेतृत्व जिला परियोजना प्रबंधक (ग्रामोत्थान परियोजना) श्री संजय सक्सेना एवं सहायक प्रबंधक-लाइवलीहुड श्री शिवशंकर बिष्ट द्वारा किया गया।

 

प्रशिक्षण का उद्देश्य :-

 

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को मंदिरों में उपयोग किए गए फूलों को पुनः प्रसंस्करण (रिप्रोसेसिंग) कर उपयोगी उत्पादों जैसे धूपबत्ती एवं अगरबत्ती बनाने की तकनीक सिखाना था। इस पहल से महिलाओं को स्वरोजगार के नए अवसर मिलेंगे, साथ ही यह पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होगा।

प्रशिक्षण की प्रमुख बातें:-

 

प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को वेस्ट फ्लावर से धूपबत्ती और अगरबत्ती बनाने की संपूर्ण प्रक्रिया की व्यावहारिक जानकारी दी गई। प्रतिभागियों को बताया गया कि मंदिरों से एकत्रित फूलों को कैसे सुखाया जाता है, पीसा जाता है, आवश्यक सामग्री मिलाकर किस प्रकार धूपबत्ती एवं अगरबत्ती बनाई जाती है। इसके अतिरिक्त, उत्पाद की गुणवत्ता, पैकेजिंग और बाजार में विपणन से जुड़ी जानकारियाँ भी प्रदान की गईं।

महिलाओं की भागीदारी और अनुभव:-

 

इस तकनीकी प्रशिक्षण में हरिद्वार जनपद के स्वागत एवं अभिनंदन क्लस्टर लेवल फेडरेशन (CLF) से जुड़ी 29 महिलाओं ने भाग लिया। महिलाओं ने प्रशिक्षण के दौरान सीखी गई तकनीकों को बेहद उपयोगी और आसान बताया। उन्होंने कहा कि यह पहल उनके आर्थिक सशक्तिकरण में मदद करेगी और वे इसे अपने व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए तत्पर हैं।

 

भविष्य की योजना और सरस विपणन केंद्र में योगदान:-

 

प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, ये सभी महिलाएँ हरिद्वार जनपद में स्थापित होने वाली “वेस्ट फ्लावर मैनेजमेंट गतिविधि यूनिट”, जो सरस विपणन केंद्र, जमालपुर कलां में स्थापित की जाएगी, में अपना योगदान देंगी। इस यूनिट में मंदिरों से एकत्रित फूलों को प्रोसेस कर विभिन्न उत्पाद बनाए जाएंगे, जिससे इन महिलाओं को स्थायी रोजगार का अवसर मिलेगा।

 

जिला परियोजना प्रबंधक श्री संजय सक्सेना ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया कि वे इस तकनीक को अपनाकर अपने स्वयं सहायता समूहों को मजबूत बनाएं। सहायक प्रबंधक-लाइवलीहुड श्री शिवशंकर बिष्ट ने भी महिलाओं को इस व्यवसाय में आगे बढ़ने हेतु हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।

 

यह तकनीकी प्रशिक्षण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। भविष्य में इस तकनीक का विस्तार कर अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ा जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सतत आजीविका के नए साधन सृजित किए जा सकें। वेस्ट फ्लावर मैनेजमेंट गतिविधि यूनिट के सफल संचालन से हरिद्वार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और महिला उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।

anilkumar

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