उत्तराखंड

*सिंघाड़ा प्रोसेसिंग यूनिट के संचालन हेतु दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न*

ब्यूरो रिपोर्ट।

हरीद्वार। मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती आकांक्षा कोण्डे महोदया के निर्देशन में एवं जिला परियोजना प्रबंधक, ग्रामोत्थान परियोजना श्री संजय सक्सेना के नेतृत्व में सिंघाड़ा प्रोसेसिंग से संबंधित शॉर्टिंग, ग्रेडिंग एवं पैकेजिंग पर केंद्रित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह प्रशिक्षण ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के सहयोग से पतंजलि फूड प्राइवेट लिमिटेड (आरोग्य फ्लोर मिल्स), जियापोता, हरिद्वार में आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण का उद्देश्य एवं लाभ:-

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य सिंघाड़ा उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार, उन्नत प्रसंस्करण तकनीकों को अपनाना और स्थानीय लाभार्थियों को उद्यमिता के प्रति प्रेरित करना रहा। प्रशिक्षण में शॉर्टिंग (छंटाई), ग्रेडिंग (श्रेणीकरण) और पैकेजिंग (संग्रहण एवं विपणन) से जुड़ी नवीनतम तकनीकों पर विशेष ध्यान दिया गया।

इस प्रशिक्षण से स्थानीय किसानों और प्रोसेसिंग यूनिट के कर्मचारियों को उनके उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने और बेहतर बाजार मूल्य प्राप्त करने की जानकारी मिली। साथ ही, उन्हें उत्पाद की विपणन योग्य पैकेजिंग तैयार करने के तरीके भी सिखाए गए, जिससे उनकी बाजार पहुंच और प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी।

प्रतिभागियों की सहभागिता:-

इस कार्यक्रम में 5 लाभार्थियों एवं 5 प्रोसेसिंग यूनिट स्टाफ के अलावा, जिला परियोजना प्रबंधन इकाई से सहायक प्रबंधक (लेखा), सहायक प्रबंधक (वैल्यू चेन) सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में सभी प्रतिभागियों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया गया, जिससे वे इन तकनीकों को अपने कार्यक्षेत्र में प्रभावी रूप से लागू कर सकें।

प्रशिक्षण का प्रभाव और आगे की योजना:-

इस प्रशिक्षण के माध्यम से स्थानीय किसानों को बेहतर उत्पादन और मूल्य संवर्धन (Value Addition) की जानकारी मिली, जिससे उनकी आमदनी बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इस तरह की पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के तहत, भविष्य में भी ऐसे तकनीकी प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे ताकि स्थानीय उत्पादकों और उद्यमियों को नवीनतम तकनीकों से जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया जा सके।

अधिकारियों और प्रतिभागियों की प्रतिक्रियाएं:-

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों ने इसे अत्यंत उपयोगी बताया और कहा कि इससे उन्हें अपने उत्पादों को बेहतर बनाने की नई तकनीकों की जानकारी मिली।

जिला परियोजना प्रबंधक, ग्रामोत्थान परियोजना श्री संजय सक्सेना ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से ग्रामीण किसानों और उद्यमियों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी। उन्होंने आगे भी इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन पर जोर दिया ताकि स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण इकाइयों का अधिकतम लाभ उठाया जा सके।

anilkumar

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