रिपोर्ट – अनिल सैनी।
हरीद्वार। मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार के निर्देशानुसार भगवानपुर विकासखंड में फॉर्म और नॉन-फार्म आधारित उद्यमों की स्थापना प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। इसी क्रम में हरिद्वार जिला परियोजना प्रबंधक (ग्रामोत्थान परियोजना) ने 15 लाभार्थियों के बैंक ऋण दस्तावेजों की हरिद्वार कार्यालय में समीक्षा की। इस समीक्षा का उद्देश्य लाभार्थियों की पात्रता सुनिश्चित करना था ताकि उन्हें परियोजना की सहायता राशि प्रदान की जा सके और उनके व्यवसाय को सफलतापूर्वक स्थापित किया जा सके।
चयनित लाभार्थियों में से 8 लोग बकरी पालन, 6 लोग मधुमक्खी पालन (बी कीपिंग), और 1 व्यक्ति प्रोविजन स्टोर (नॉन-फार्म एंटरप्राइज) के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। जिला परियोजना प्रबंधक ने लाभार्थियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उनके व्यवसायों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की और उन्हें व्यवसाय को और अधिक कुशलता से संचालित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने, आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने, और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। फॉर्म और नॉन-फार्म एंटरप्राइजेज के इस विकास से स्थानीय उद्यमियों को न केवल आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी, बल्कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिरता और विकास का भी मार्ग प्रशस्त होगा।