रिपोर्ट – अनील सैनी
हरीद्वार। जिला परियोजना प्रबंधक (डीपीएम) – ग्रामोत्थान परियोजना (REAP) संजय सक्सेना द्वारा भगवानपुर विकासखंड में फार्म और नॉन-फार्म आधारित उद्यमों की स्थापना के उद्देश्य से लाभार्थियों के साथ प्रत्यक्ष संवाद किया गया। इस दौरान लाभार्थियों के उद्यमों की वास्तविक स्थिति का भौतिक निरीक्षण किया गया और परियोजना के तहत प्रदान की गई धनराशि के उपयोग की जांच की गई, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दी गई सहायता का सही ढंग से उपयोग हो रहा है और धनराशि व्यवसाय योजना के अनुसार खर्च की जा रही है।
विशेष रूप से महिलाओं के साथ संवाद करते हुए अल्ट्रापुअर सपोर्ट के तहत दी गई सहायता और उसके परिणामों का आकलन किया गया। अल्ट्रापुअर सपोर्ट की गतिविधियों का भौतिक सत्यापन कर यह समझने का प्रयास किया गया कि इससे उनके जीवनयापन और उद्यम में क्या बदलाव हुए हैं। इस दौरान महिलाओं की आवश्यकताओं का आकलन किया गया ताकि उनके उद्यमों को सशक्त और उन्नत करने के लिए उन्हें आवश्यक समर्थन, संसाधन और प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके।
जिला परियोजना प्रबंधक द्वारा मोहित नगर में सीएसआर समर्थन से बनाए गए वर्कशेड का भी निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर उन्होंने महिला लाभार्थियों और वर्कशेड स्टाफ के साथ बैठक की और केंद्र के उपयोग के संबंध में उनकी योजनाओं की जानकारी ली। साथ ही, यह सुनिश्चित किया गया कि वर्कशेड की सुविधाओं का सही उपयोग हो रहा है।
इसके अतिरिक्त, जिला परियोजना प्रबंधक ने रेडीमेड गारमेंट यूनिट, दोना पत्तल यूनिट, एलईडी लाइट असेंबलिंग यूनिट, और झाड़ू निर्माण यूनिट का भी दौरा किया। इन उद्यमों की वर्तमान स्थिति, कमी और सुधार की आवश्यकता का भी आकलन किया गया।
इस निरीक्षण और संवाद प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य परियोजना के तहत दी गई सहायता का सही उपयोग सुनिश्चित करना और उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करना था। इसके अलावा, महिलाओं की जरूरतों और उनके उद्यमों की उन्नति के लिए आवश्यक संसाधनों की पहचान की गई, ताकि उन्हें अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकें।
इस भ्रमण में जिला परियोजना प्रबंधक के साथ सहायक प्रबंधक (आजीविका), ग्रामोत्थान ब्लॉक टीम, और सीएलएफ स्टाफ भी उपस्थित रहे।