• Mon. Dec 23rd, 2024

*जुट उत्पाद आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम का श्यामपुर कांगड़ी में जिला परियोजना प्रबंधक ग्रामोत्थान परियोजना की उपस्थिति में शुभारंभ*

Byanilkumar

Dec 19, 2024

रिपोर्ट – अनिल सैनी।

हरिद्वार। हरिद्वार जनपद के बहादराबाद ब्लॉक के श्यामपुर कांगड़ी गांव में बुधवार से 14 दिवसीय “जुट उत्पाद आधारित बेसिक प्रशिक्षण कार्यक्रम” का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय महिलाओं को जुट उत्पाद निर्माण की तकनीकी जानकारी प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।

प्रशिक्षण स्थल पर मुख्य अतिथि के रूप में जिला परियोजना प्रबंधक, ग्रामोत्थान परियोजना, ने प्रतिभाग किया और महिलाओं का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर रही सीएलएफ (क्लस्टर लेवल फेडरेशन) की महिलाओं को संबोधित करते हुए बताया कि उनके द्वारा किए जा रहे किसी भी प्रकार के उद्यम में ग्रामोत्थान परियोजना पूरी तरह उनके साथ खड़ी है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के उद्यम को बड़े पैमाने पर ले जाकर उनके उत्पादों के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराना और उन्हें सशक्त बनाना है।

मुख्य विकास अधिकारी महोदया के निर्देशन में हरिद्वार जनपद में जुट आधारित उत्पादों को महिलाओं की मुख्य आजीविका का साधन बनाने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की गई है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए उनके आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।

इस रणनीति के तहत, महिलाओं को जुट उत्पाद निर्माण की तकनीकी जानकारी प्रदान करने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में चटाई, बैग, टोकरी, और अन्य घरेलू सजावट के सामान जैसे उत्पाद बनाना सिखाया जाएगा। साथ ही, उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने और उन्हें बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

महिलाओं के उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए क्लस्टर आधारित मॉडल पर काम किया जाएगा। जिला स्तर पर मार्केटिंग और ब्रांडिंग की सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिससे उत्पादों की बिक्री बढ़ाई जा सके।

इसके अतिरिक्त, महिलाओं को उनके उत्पादों के मूल्य संवर्धन (value addition) और आधुनिक तकनीकों के उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। जिला प्रशासन इस पहल को सफल बनाने के लिए महिलाओं को वित्तीय सहायता और बाजार संपर्क भी प्रदान करेगा।

जिला परियोजना प्रबंधक ने जानकारी दी कि महिलाओं के परिवार में यदि कोई सदस्य (पति, पुत्र या पुत्री) डिप्लोमा, ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद बेरोजगार है, तो ग्रामोत्थान परियोजना उनके लिए नौकरी दिलाने में सहायता करेगी। इसके तहत चयनित व्यक्तियों को स्टाइपेंड प्रदान किया जाएगा ताकि उनके परिवार की आजीविका में सुधार हो सके। यह पहल न केवल महिलाओं के आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी, बल्कि उनके परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी।

महिलाओं से संवाद करते हुए जिला परियोजना प्रबंधक ने उनके द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों की जानकारी प्राप्त की और सुझाव दिया कि गुणवत्ता और बेहतर मार्केटिंग के माध्यम से इन उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए परियोजना हर संभव मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जुट से जुड़े उत्पाद जैसे चटाई, बैग, टोकरी, और घरेलू सजावट के सामान बनाने की तकनीक सिखाई जाएगी। यह कौशल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि उन्हें अपने उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचाने का आत्मविश्वास भी प्रदान करेगा।

जिला परियोजना प्रबंधक ने महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महिलाओं की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ग्रामोत्थान परियोजना का उद्देश्य उन्हें केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं रखना है, बल्कि उन्हें एक उद्यमी के रूप में विकसित कर उनकी सफलता सुनिश्चित करना है।

प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं ने अपनी आजीविका से संबंधित समस्याएं और उम्मीदें साझा कीं, जिन पर जिला परियोजना प्रबंधक ने तत्काल सहायत प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामोत्थान परियोजना के अंतर्गत भविष्य में और भी कई तरह के रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोग आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।

यह रणनीति महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाकर हरिद्वार जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के नए अवसर सृजित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

कार्यक्रम का समापन जिला परियोजना प्रबंधक के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी प्रशिक्षकों और प्रतिभागियों को इस प्रयास को सफल बनाने के लिए बधाई दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed

error: Content is protected !!