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मनरेगा योजनान्तर्गत लैमनग्रास की खेती से कृषक लाभार्थीयों के आजीविका में सुधार

Byanilkumar

Feb 24, 2025

ब्यूरो रिपोर्ट।

मनरेगा एवं संगध पौध केन्द्र (कैप) के युगपतिकरण अन्तर्गत:

विकास खण्ड खानपुर के विभिन्न पंचायतों में मनरेगा एवं संगध पौध केन्द्र (कैप) के युगपतिकरण के माध्यम से लैमनग्रास की खेती का कार्य बड़े स्तर पर चलाया जा रहा है। मनरेगा योजना के तहत 0.75 हेक्टेयर क्षेत्रफल में लैमनग्रास की बुवाई की गई है। वर्तमान में अब्दुल रहीमपुर, मिर्जापुर सादात, लालचन्दवाला, प्रहलादपुर गिद्वावाली और तुगलपुर पंचायतों में 150 कृषकों के यहां 0.75 हेक्टेयर में लैमनग्रास की खेती की जा रही है।

 

लैमनग्रास की खेती किसानो की आय वृधि में बन रही सहायक:

इस संदर्भ में लाभार्थी कृषक श्री राज सिंह पुत्र श्री बाबूराम ने बताया कि “मैं पहले अपने खेत में गन्ने की खेती करता था, लेकिन उसमें मुझे भारी नुकसान हुआ। जब से मैंने लैमनग्रास की खेती शुरू की, तब से मेरी आय में 30,000 से 40,000 रुपये की वृद्धि हुई है”।

लैमनग्रास एक औषधीय पौधा:

लैमनग्रास एक औषधीय पौधा है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट क्रिया वाले बायोएक्टिव यौगिक होते हैं, जो औषधियों में स्वाद लाने और सौंदर्य प्रसाधनों में सुगंध प्रदान करने के लिए इस्तेमाल होते हैं। इसके अलावा, इसकी बाजार में अत्यधिक मांग भी है। यही कारण है कि कृषक लैमनग्रास की खेती में रुचि ले रहे हैं, जिससे उनकी आजीविका में वृद्धि हो रही है।

 

मुख्य विकास अधिकरी हरिद्वार द्वारा अवगत कराया गया कि कि जनपद हरिद्वार में वितीय वर्ष- 2024-25 में कुल 145 कृषिको की 80.34 हेक्टेयर भूमि पर मनरेगा एवं संगध पौध केन्द्र (कैप) के युगपतिकरण के माध्यम से लैमनग्रास की खेती की जा रही हैं l “हमारा प्रयास है कि जनपद हरिद्वार की अन्य ग्राम पंचायतों में भी लैमनग्रास की खेती को बढ़ावा दिया जाए, ताकि अधिक से अधिक कृषकों को इस खेती से लाभ हो और उनकी आय में सुधार हो सके ।”

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