ब्यूरो रिपोर्ट।
फरकपुर, हरिद्वार (उत्तराखंड), 07 फरवरी 2025 – हरिद्वार जिले के भवानपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत दादापट्टी के अंतर्गत स्थित छोटे से गाँव फरकपुर की श्रीमती धीरज आज पूरे क्षेत्र में “लखपति दीदी” के नाम से पहचानी जाती हैं। उन्होंने उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (USRLM) के सहयोग से अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और अथक प्रयासों के बल पर आत्मनिर्भरता की नई मिसाल कायम की है।
एक विधवा होने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और चुनौतियों को अवसर में बदलते हुए मुर्गीपालन का कार्य शुरू किया। उनकी मेहनत और दूरदृष्टि का ही परिणाम है कि आज उनका उद्यम एक सफल व्यवसाय बन चुका है, जिससे वह सालाना ₹4 लाख से अधिक की आय अर्जित कर रही हैं। उनका यह सफर न केवल उनकी आर्थिक स्वतंत्रता को दर्शाता है, बल्कि सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं को प्रेरणा भी देता है।
उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (USRLM) ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
श्रीमती धीरज की इस उपलब्धि में USRLM का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मिशन के तहत उन्हें व्यवसायिक प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और बाजार तक पहुंच जैसी सुविधाएं प्रदान की गईं, जिससे उनका उद्यम सशक्त और संगठित रूप से विकसित हुआ। उनके फार्म में आधुनिक पद्धति से मुर्गीपालन किया जाता है, जहां स्वास्थ्य और गुणवत्ता मानकों का विशेष ध्यान रखा जाता है।
ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं “लखपति दीदी”
श्रीमती धीरज की सफलता की कहानी यह साबित करती है कि अगर महिलाओं को सही मार्गदर्शन, संसाधन और अवसर मिलें, तो वे न केवल आत्मनिर्भर बन सकती हैं, बल्कि पूरे समाज के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी योगदान दे सकती हैं। उनकी यह यात्रा महिला सशक्तिकरण और उद्यमिता के क्षेत्र में एक मिसाल बन चुकी है।
उनकी कहानी हर महिला को यह संदेश देती है कि “दृढ़ संकल्प और सही समर्थन से कोई भी बाधा पार की जा सकती है और उज्जवल भविष्य की राह बनाई जा सकती है।”