ब्यूरो रिपोर्ट।
हरिद्वार । ग्राम खजूरी, ब्लॉक भगवानपुर, जिला हरिद्वार की रहने वाली सुनीता इस बात की मिसाल हैं कि समर्पण और सही अवसर कैसे किसी के जीवन को बदल सकते हैं। उन्होंने अपनी यात्रा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत एक स्वयं सहायता समूह (SHG) की सदस्य के रूप में शुरू की। उनकी नेतृत्व क्षमता ने उन्हें जल्द ही एक सामुदायिक कैडर बना दिया, जहाँ उन्होंने क्षेत्र में SHG और ग्राम संगठन (VO) के गठन का कार्य किया।
NRLM के सहयोग से सुनीता ने सामाजिक अंकेक्षण (Social Audit) का प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिसमें उन्होंने मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं की निगरानी की। उनकी मेहनत और ईमानदारी से इन योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और विश्वास बढ़ा।
इसके बाद उन्होंने समुदाय आधारित संगठनों (CBOs) के अंकेक्षण का भी प्रशिक्षण लिया और NRLM द्वारा समर्थित CBOs के ऑडिट का कार्य शुरू किया। उनके कार्य को देखकर उन्हें हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (NIRDPR) में एक महीने के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चुना गया।
आज सुनीता यूआईआरडी, रुद्रपुर (UIRD Rudrapur) में एक प्रशिक्षक (Trainer) के रूप में कार्य कर रही हैं, जहाँ वे नए सामुदायिक ऑडिटर्स को प्रशिक्षण दे रही हैं। उनके प्रयासों और निरंतर सीखने की चाह ने उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना दिया है और अब वे सालाना एक लाख रुपये से अधिक की आय अर्जित कर रही हैं, जिससे उन्हें सम्मानपूर्वक “लखपति दीदी” कहा जाता है।
एक छोटे से गांव की SHG सदस्य से लेकर एक प्रशिक्षक और समुदाय की नेता बनने तक का सफर, सुनीता की कहानी इस बात का प्रमाण है कि सशक्तिकरण, कौशल विकास और दृढ़ निश्चय से कोई भी महिला अपने जीवन को बदल सकती है।