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पढ़ने के टूटे सपनो के बाद फिर भरी उड़ान, दिखा दिया कि हम भी किसी से कम नहीं, एनआरएलएम से जुड़ी महिलाओं ने कई सालो बाद पास की 10वी की परीक्षा

Byanilkumar

May 7, 2024

ब्यूरो रिपोर्ट

मंगलौर।

व्यक्ति जीवन में बहुत सारे सपने देखता है और कई बार परिस्थितियां ऐसी बन जाती हैं कि अनेक सपने अधूरे रह जाते हैं । ऐसे में यदि कोई सहारा बनकर आए और उन अधूरे सपनों का पूरे करने के लिए प्रोत्साहित करें तो निस्संदेह खोए हुए सपने भी वापस मिल जाते हैं। आपको बता दे कि मंगलौर के ग्रामीण क्षेत्र से तीन महिलाओं ने पढ़ाई छोड़, दोबारा से शादी के बाद पढ़ाई शुरू की ओर कक्षा 10 वीं पास करके एक मिशाल पेश की है । तीनो महिला घर की प्रस्थितियो को लेकर पढ़ाई-लिखाई छोड़ चुकी । इन महिलाओं के लिए 10 वीं पास करना बड़ा प्रोत्साहन साबित हो रही है । स्वयं सहायता समूह से जुड़ी इन महिलाओं ने एक मिसाल पेश की है, जिन्होंने 39 साल की उम्र में लिब्बरहेड़ी गांव की निवासी ललिता देवी ने 54 प्रतिशत अंकों के साथ 10 वीं कक्षा पास की है।

ललिता देवी

साथ ही लिब्बरहेड़ी गांव से ही सविता देवी ने भी 2023- 24 सत्र में कक्षा 10 वीं में 62 प्रतिशत अंकों के साथ प्रथम स्थान प्राप्त कर उन महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी है, जिन्होंने किसी मजबूरी में पढ़ाई छोड़ दी थी ।

सविता देवी

वहीं निजामपुर गांव की निवासी विंकी सैनी ने भी 28 साल की उम्र में 10 वीं कक्षा पार करके मिशाल पेश की है और अब वे 12 वीं कक्षा की परीक्षा की तैयारी कर रही हैं ।

विंकी देवी

तीनो महिलाए बताती हैं कि उनका बचपन एक छोटे से गांव में व्यतीत हुआ, जिस कारण उन्हें शिक्षा का पर्याप्त लाभ नहीं मिल सका । वह आगे पढ़ना चाहती थीं, लेकिन सही मार्गदर्शन के अभाव में यह अवसर नहीं मिल पाया. ऐसे में उनके मन में हमेशा एक टीस रहती थी और जब पढ़ी-लिखी महिलाओं और स्कूल जाने वाली लड़कियों को देखतीं तो उन्हें लगता कि काश उन्होंने भी नियमित पढ़ाई की होती । ऐसे में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी इन महिलाओं प्रेरणा पाकर 2023-24 में कक्षा 10 की परीक्षा पास की है ,उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा की अब कक्षा 12 वीं पास करके स्नातक की पढ़ाई करना चाहती है। तीनो महिलाओं ने उत्तराखंड बोर्ड से प्राइवेट आवेदन किया था । सभी महिलाओं ने बताया कि अभी वें अभी 12वीं कक्षा में आवेदन करूंगी और अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होऊंगी । वे अपनी हम उम्र महिलाओं को सन्देश देती हैं कि उचित मार्गदर्शन और सहयोग मिल जाये तो हमारे जूनून को और अधिक ताकत मिल जाती है । स्वयं सहायता समूह के ब्लॉक मिशन मैनेजर प्रशांत कुमार व फील्ड ऑफिसर सलमान ने बताया कि इस सफलता से महिलाओं का उत्साह देखते ही बनता है । इस उत्साह से ग्रामीण अंचल तथा शिक्षा से वंचित अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिलेगी ।

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