अनिल सैनी। देहरादून
*विरासत मेला महोत्सव: हरिद्वार जिले के शिल्पकारों को मंच प्रदान*
देहरादून में आयोजित हो रहा विरासत मेला महोत्सव उत्तराखंड की सांस्कृतिक और हस्तशिल्प धरोहर को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण आयोजन है। इस महोत्सव में हरिद्वार जिले के महिला समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद, जैसे टेराकोटा (मिट्टी के बर्तन), मोमबत्तियाँ और जूट से बने उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इन उत्पादों का उद्देश्य स्थानीय उद्यमियों को एक मंच प्रदान करना है, ताकि वे अपने गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को व्यापक दर्शकों तक पहुँचा सकें और उचित मूल्य प्राप्त कर सकें।
यह पहल विशेष रूप से ग्रामीण महिला समूहों और स्थानीय शिल्पकारों के लिए महत्वपूर्ण है, जो पारंपरिक हस्तकला और शिल्प के माध्यम से अपनी आजीविका चलाते हैं। उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को न केवल प्रदर्शित किया जा रहा है, बल्कि मेले के आगंतुकों को इन उत्पादों की खरीदारी का भी अवसर मिल रहा है। आगंतुकों से उत्पादों के बारे में सुझाव और प्रतिक्रियाएं ली जा रही हैं, जिससे इन उत्पादों की गुणवत्ता और आकर्षण में और सुधार हो सके।
महोत्सव का मुख्य उद्देश्य यह है कि स्थानीय उद्यमियों और शिल्पकारों को अधिक से अधिक ऑर्डर प्राप्त हों, जिससे उनके व्यवसाय को विस्तार मिले। इस प्रकार के मेलों से उद्यमियों को अपने उत्पादों की मार्केटिंग और बिक्री के नए अवसर प्राप्त होते हैं। ग्रामोत्थान परियोजना और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के सहयोग से यह पहल महिला उद्यमियों को प्रशिक्षण, मार्केटिंग सहायता और उनके उत्पादों के लिए उचित मूल्य दिलाने में मदद कर रही है।
मेला 15 अक्टूबर 2024 से 29 अक्टूबर 2024 तक चल रहा है, और 18 अक्टूबर 2024 तक हरिद्वार जिले के स्टॉल पर 750 से अधिक लोगों ने दौरा किया है। आगंतुकों ने इन उत्पादों में गहरी रुचि दिखाई है और कुछ ने खरीदारी भी की है। यह आयोजन मुख्य विकास अधिकारी महोदया के निर्देशन और मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है, और इसके सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगे हैं।
इस आयोजन से हरिद्वार जिले के शिल्पकारों और उद्यमियों की आय में वृद्धि की उम्मीद की जा रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी और वे अपने व्यवसाय को और बेहतर बना सकेंगे।