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मुख्य विकास अधिकारी महोदया द्वारा हरिद्वार के अंतर्गत नवीनतम टेक्नोलॉजी से तैयार किए जा रहे उत्पादों का किया भौतिक निरीक्षण

Byanilkumar

Nov 21, 2024

हरिद्वार।

हरिद्वार जनपद के बहादराबाद ब्लॉक के अंतर्गत दौलतपुर गांव में युवा उद्यमियों द्वारा संचालित एक आधुनिक उद्यम का आज निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) महोदया ने भाग लिया और आटा, मसाले, और तेल के उत्पादों को तैयार करने में उपयोग हो रही नवीनतम तकनीकों का अध्ययन किया।

निरीक्षण का उद्देश्य

 

1. नवीनतम तकनीकों को समझना:

दौलतपुर में संचालित इस उद्यम में उन्नत तकनीकों का उपयोग हो रहा है। सीडीओ महोदया ने इन तकनीकों का अध्ययन किया ताकि इन्हें उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (USRLM) और ग्रामोत्थान परियोजना के तहत महिलाओं द्वारा संचालित उद्यमों में लागू किया जा सके।

 

 

2. महिला उद्यमियों को सशक्त बनाना:

इन उन्नत तकनीकों को महिला उद्यमियों के व्यवसायों से जोड़ने की योजना बनाई गई है। यह कदम उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करेगा और बाजार में उनके उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा।

 

3. रोजगार के अवसर सृजित करना:

इस पहल से स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। यह प्रधानमंत्री जी के “लखपति दीदी” पहल को भी मजबूती प्रदान करेगा।

 

 

 

उद्यम की विशेषताएं

 

यह उद्यम नवीनतम तकनीकों और स्वच्छता मानकों का पालन करते हुए आटा, मसाले, और तेल के उत्पाद तैयार कर रहा है।

 

इन उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उच्च मांग है।

 

 

इसके अलावा, सीडीओ महोदया ने जियापोता स्थित आरोग्य फ्लोर मिल का भी दौरा किया और वहां उपयोग हो रही तकनीकों का अध्ययन किया। इस दौरान उन्होंने यह समझने का प्रयास किया कि इन तकनीकों को ग्रामीण स्तर पर छोटे और मध्यम उद्यमों में कैसे लागू किया जा सकता है।

महत्वपूर्ण निर्देश और भविष्य की योजनाएं

 

निरीक्षण के दौरान सीडीओ महोदया ने ग्रामोत्थान परियोजना के जिला परियोजना प्रबंधक (डीपीएम) को निम्नलिखित निर्देश दिए:

 

1. तकनीकी प्रशिक्षण:

महिला उद्यमियों को उन्नत तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे इन्हें अपने व्यवसाय में लागू कर सकें।

 

 

2. सहायता और उपकरण:

महिलाओं को उपकरण और वित्तीय सहायता प्रदान की जाए ताकि वे अपने व्यवसायों में इन तकनीकों का उपयोग कर सकें।

 

 

3. उत्पादों का विपणन:

तैयार उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने के लिए एक मजबूत रणनीति तैयार की जाए।

 

 

4. कार्ययोजना:

महिलाओं के उद्यमों को इन तकनीकों से जोड़ने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए और इसे शीघ्र लागू किया जाए।

 

 

 

महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास

 

इस पहल से महिला उद्यमियों को न केवल अपने उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी, बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि होगी। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सशक्तिकरण और स्थानीय रोजगार सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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