रिपोर्ट – अनिल सैनी।
खानपुर। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) महोदया द्वारा विकासखंड खानपुर के उजाला सीएलएफ (CLF) के अंतर्गत बनने वाले संग्रहण केंद्र एवं सह प्रसंस्करण केंद्र का भौतिक सत्यापन किया गया। इस मौके पर जिला परियोजना प्रबंधक, ग्रामोत्थान परियोजना की उपस्थिति में माननीय ब्लॉक प्रमुख खानपुर एवं खंड विकास अधिकारी महोदय भी उपस्थित रहे।
भ्रमण के दौरान सीडीओ महोदया ने संग्रहण केंद्र एवं सह प्रसंस्करण केंद्र के निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया और यूनिट के विकास से संबंधित आगे की योजनाओं पर गहन चर्चा की। निर्माण कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु ठेकेदार और रीप स्टाफ को निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर, स्थापित की गई सिंघाड़ा यूनिट का ट्रायल भी जिला परियोजना प्रबंधक ग्रामोत्थान परियोजना के द्वारा किया गया। साथ ही यूनिट की कार्यक्षमता और मशीनों की प्रभावशीलता का निरीक्षण भी किया गया। साथ ही, सिंघाड़ा उत्पादन प्रक्रिया में किसानों और यूनिट स्टाफ के समन्वय को मजबूत करने पर जोर दिया गया।
सिंघाड़ा यूनिट की पूर्ण कार्यक्षमता सुनिश्चित करने हेतु सीडीओ महोदया ने बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर (जेई) को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए कहा गया।
भ्रमण के दौरान सीडीओ महोदया की उपस्थिति में सभी ब्लॉक स्टाफ की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में सीडीओ महोदया ने ब्लॉक और सीएलएफ स्टाफ को विभिन्न योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।
आज के भ्रमण में जिला परियोजना प्रबंधन इकाई से जिला स्तरीय टीम ने भी भाग लिया। इस टीम में असिस्टेंट मैनेजर (सेल्स एंड मार्केटिंग), सहायक प्रबंधक (I&S), DTE NRLM, ब्लॉक स्तर के एनआरएलएम (BMM, DEO) एवं रीप स्टाफ (LC & AE-AH), सीएलएफ स्टाफ और सीएलएफ अध्यक्षा उपस्थित रहीं। सभी ने संग्रहण केंद्र, सह प्रसंस्करण केंद्र और सिंघाड़ा यूनिट के संचालन एवं प्रबंधन में योगदान देने के लिए विचार साझा किए।
इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य संग्रहण केंद्र, सह प्रसंस्करण केंद्र और सिंघाड़ा यूनिट की प्रगति का निरीक्षण करना, उनके कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करना और सभी संबंधित स्टाफ एवं अधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित करना था।
सीडीओ महोदया ने भविष्य की योजनाओं के तहत उत्पादन और प्रसंस्करण के कार्य को और अधिक प्रभावी बनाने और किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी निर्माण एवं संचालन कार्य तय समयसीमा में पूरे किए जाएं और गुणवत्ता में कोई कमी न रहे।