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*मुख्य विकास अधिकारी की पहल का असर: ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण में अग्रणी श्रीमती विद्या*

Byanilkumar

May 29, 2025

ब्यूरो रिपोर्ट।

हरिद्वार। मुख्य विकास अधिकारी महोदया के निर्देशों के क्रम में जनपद हरिद्वार के समस्त विकासखंडों में अल्ट्रा पुअर सपोर्ट, एंटरप्राइजेज (फॉर्म एवं नॉन-फॉर्म), और सीबीओ स्तर के एंटरप्राइजेज की स्थापना की जा रही है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाना है। इसी व्यापक पहल के तहत, हरिद्वार जनपद के विकासखंड खानपुर के दूरस्थ गाँव मोहनावाला की निवासी श्रीमती विद्या ने ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के सहयोग से अपनी आर्थिक चुनौतियों को पार कर एक सफल डेयरी उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बनाई है। यह गाँव मुख्य मार्ग से काफी दूर और पिछड़ा हुआ है, जहाँ रोजगार के सीमित अवसर होने के कारण अधिकांश आबादी दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर है।

श्रीमती विद्या, पति के निधन के बाद अपने परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी अकेले संभाल रही थीं। उनकी आय का मुख्य स्रोत दिहाड़ी मजदूरी था, जिससे छह माह में उन्हें मात्र ₹3,000 से ₹5,000 की आय हो पाती थी। यह राशि परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त थी। उनकी विषम आर्थिक स्थिति और आत्मनिर्भर बनने के दृढ़ संकल्प को देखते हुए, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-2024 में उन्हें “अल्ट्रा पुअर पैकेज” के लिए चुना गया।

परियोजना के सहयोग से, श्रीमती विद्या को ₹35,000 ब्याज मुक्त ऋण की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई। इसमें उनका अपना ₹16,500 का अंशदान भी शामिल था, जिससे कुल ₹51,500 की पूंजी एकत्रित हुई। इस पूंजी का उपयोग उन्होंने एक उच्च नस्ल की दुधारू गाय खरीदने में किया। गाय पालन शुरू करने के बाद, विद्या ने पूरी मेहनत और लगन से काम किया। उन्होंने पशुपालन विशेषज्ञों की सलाह ली और गाय की उचित देखभाल, पौष्टिक आहार तथा नियमित साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने दूध निकालने और उसे स्थानीय बाजार में बेचने की व्यवस्था भी स्वयं की।

उनकी कड़ी मेहनत का फल जल्द ही मिला। गाय ने अच्छी मात्रा में दूध देना शुरू कर दिया, और उन्हें दूध बेचकर अच्छी आय होने लगी। जिससे वे अपने परिवार की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर पा रही हैं और कुछ बचत भी कर रही हैं। यह पहल केवल आय वृद्धि तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसने श्रीमती विद्या के आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को भी महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है।

श्रीमती विद्या की कहानी ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की सफलता का एक ज्वलंत उदाहरण है, जो यह दर्शाता है कि सही मार्गदर्शन, वित्तीय सहायता और व्यक्तिगत दृढ़ता मिलने पर ग्रामीण महिलाएं भी बड़ी सफलताएं अर्जित कर सकती हैं। उनकी यह उपलब्धि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है, जो उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने और समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करती है।

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