ब्यूरो रिपोर्ट।
हरिद्वार, उत्तराखंड: मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती आकांक्षा कोण्डे के निर्देशन में ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के अंतर्गत हरिद्वार जनपद में अल्ट्रापुअर सपोर्ट, फॉर्म व नॉन-फॉर्म एंटरप्राइजेज की स्थापना की जा रही है। इसी पहल के अंतर्गत नारसन विकासखंड के ठसका गांव की श्रीमती सुकरमा की जीवन कहानी एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरी है।
पति के असमय निधन के बाद जब परिवार की आमदनी का एकमात्र स्रोत समाप्त हो गया, तब सुकरमा के सामने आजीविका का गंभीर संकट उत्पन्न हुआ। ऐसे समय में, उन्हें राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत ‘पूजा स्वयं सहायता समूह’ में जोड़ा गया, जो ‘सपना सीएलएफ’ के अंतर्गत ‘वंदना ग्राम संगठन’ से जुड़ा है, ग्रामोत्थान परियोजना की सहायता से उन्हें ₹35,000 का ब्याजरहित अल्ट्रापुअर पैकेज प्रदान किया गया, जिसमें उन्होंने स्वयं ₹8,430 का अंशदान जोड़ा। इस राशि से उन्होंने एक गाय खरीदी और दूध व्यवसाय प्रारंभ किया। अब वह हर माह ₹7,000–₹8,000 की आय अर्जित कर रही हैं, जिसमें से लगभग ₹6,000 उनका शुद्ध लाभ होता है।
उनकी आर्थिक स्थिति में आई स्थिरता और आत्मविश्वास इस बात का प्रमाण है कि सही मार्गदर्शन और सहायता मिलने पर ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की मिसाल बन सकती हैं।
श्रीमती सुकरमा ने जिला प्रशासन एवं ग्रामोत्थान परियोजना के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह पहल उनके जीवन का पुनर्निर्माण साबित हुई है।