सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि जो काम भाजपा के लोग इतने वर्षों में नहीं कर पाए, उसे अब कांग्रेस के लोग अंजाम देना चाहते हैं। बिना किसी का नाम लिए हरीश ने कहा कि उन्हें मेरी हार से भी चैन नहीं है। इसलिए उनके खिलाफ तमाम तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। वह कौन लोग हैं और किसके इशारे पर काम कर रहे हैं?
यह पूछे जाने पर हरीश ने कहा कि कांग्रेस के जो लोग सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ आग उगल रहे हैं, उनके सोशल अकाउंट चेक कर लिए जाएं तो स्पष्ट हो जाएगा कि वह किस के आदमी हैं। उन्होंने कहा कि उनका झगड़ा किसी से नहीं है। वह तो न्याय और सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं। जिस तरह से उनके खिलाफ एक झूठा प्रोपगंडा रचा जा रहा है, उससे व्यथित हैं। उन्होंने कहा कि इससे किसी का भला नहीं होने वाला है, पार्टी को जरूर नुकसान हो रहा है।
झूठ का पर्दाफाश करने में मेरे साथ खड़े नहीं हुए पार्टी के लोग
हरीश रावत ने कहा कि भाजपा ने एक झूठ को एक फर्जी अखबार की कतरन तैयार कर जिस तरह से धामी की धूम पेज और सोशल मीडिया पर प्रचारित और प्रसारित किया, उसमें कांग्रेस के ही कुछ लोगों ने भी भाजपा का साथ दिया। उन्होंने कहा कि इस झूठ का पर्दाफाश करने के लिए पूरी कांग्रेस को उनके साथ खड़ा होना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ, उल्टा उन लोगों ने इस झूठ को और फैलने दिया या फैलाया।
इसलिए मैंने इनाम की राशि बढ़ाई
साइबर थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट, नहीं हुई कार्रवाई
हरीश रावत ने कहा कि फर्जी अखबार की कतरन के साथ उनकी एक फोटो से छेड़छाड़ कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ऑफिशियल पेज पर प्रसारित किया जा रहा है। उन्होंने इस मामले की शिकायत साइबर थाने में दर्ज कराई है। उनके लोग इस मामले में डीजीपी से भी मिले थे, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
नेता प्रतिपक्ष या अध्यक्ष पद पर चयन में हस्तक्षेप का अधिकार खो दिया
नेता प्रतिपक्ष या प्रदेश अध्यक्ष के चयन के संबंध में पूछे जाने पर हरीश रावत ने कहा कि पार्टी की हार के बाद हमने इसका नैतिक अधिकार खो दिया है। किसको क्या बनाया जाता है, यह अब पार्टी हाईकमान को तय करना है। गणेश गोदियाल का बचाव करते हुए हरीश ने कहा कि उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए यथासंभव सबको जोड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो पाए।