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हरे भरे फलदार वृक्षों पर लगातार चल रहा कुलहाड़ा, उधान विभाग बना मूकदर्शक, आखिर किन मानकों के आधार पर दी जा रही है अनुमति ?

Byanilkumar

Jan 13, 2024

मंगलौर / झबरेडा।

जहां एक और सरकार किसानों को समृद्ध बनाने के लिए तमाम योजनाएं चला रही है, साथ ही बागवानी लगाने के लिए प्रेरित भी कर रही है तो वहीं दूसरी ओर सरकार की इन योजनाओं का सरकार के ही आला अधिकारी पलीता लगाते नजर आ रहे है । दरसल मंगलौर , झबरेडा क्षेत्र लगातार आम के बगीचों पर वन माफियाओं का कुलहाड़ा जारी है, वहीं उधान विभाग पर यह भी सवाल उठता है कि बगीचों को काटने के नाम पर उधान विभाग द्वारा जारी की जाने वाली परमिशन किस आधार पर दी जा रही है ? लगातार क्षेत्र में उधान विभाग द्वारा सरकार के लाखो रुपए के राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा है । उधान विभाग की जानकारी के बाद भी उधान विभाग के अधिकारी हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ की कटाई रोकने में असमर्थ नजर आ रहे है । वहीं दूसरी ओर चंद पैसे के लालच में वन माफियों द्वारा आम के हरे फलदार पेड़ों पर जमकर आरी चलाई जा रही है। ओर वन माफिया कुदरती आक्सीजन देने वाले हरे भरे फलदार पेड़ों को काटने से बाज नही आ रहे है। वहीं क्षेत्र में एक आम के बाग में हरे-भरे फलदार आम के पेड़ों पर उधान विभाग की मिलीभगत से कुल्हाड़ा चलाया जा रहा है । और आक्सीजन देने वाले वृक्षों पर उधान विभाग की मिली भगत के चलते आए दिन आरी चलाते हुए हरे पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई की जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन माफिया स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। कुछ ठेकेदार उधान विभाग के अधिकारियों से मिलकर आठ दस पेड़ काटने की अनुमति ले लेते हैं और उसी की आड़ में बड़े बड़े भाग काट देते हैं। क्षेत्र में लगातार हरे भरे पेड़ काटे जा रहे है।वहीं उधान विभाग इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है । जिससे वन माफियाओं के हौसले बुलंद है। वहीं जब इस विषय पर सहायक उधान अधिकारी नरेश कुमार से जानकारी जुटाने का प्रयास किया तो, उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया ।

वहीं जब पूरे प्रकरण में जिला उधान अधिकारी ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि जब कोई फलदार पेड़ अपनी क्षमता से कम फल देने लगता है तो किसान की सूचना पर पेड़ को काटने की परमिशन उधान विभाग द्वारा दी जाती है । जिसकी जांच ब्लॉक स्तर पर सहायक उधान अधिकारी मौके पर जाकर करते है कि वह पेड़ फल देने लायक है या नहीं।

वहीं मंगलौर , झबरेड़ा क्षेत्र की बात करें तो परमिशन की आड़ में नारसन के सहायक उधान अधिकारी की मिलीभगत से लगातार क्षेत्र में हरे भरे और फलदार वृक्षों पर वन माफियाओं का कुलहाडा लगातार जारी है । अब देखने वाली बात होगी कि संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी हरे भरे और फलदार वृक्षों पर चलने वाले कुलहाड़े पर रोक लगा पाते है या नहीं ?

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