जहां केंद्र सरकार और राज्य सरकार शिक्षा के मुद्दे को लेकर तरह तरह की योजनाएं चला रही है वही दूसरी ओर कुछ लोग शिक्षा के नाम पर अपनी दुकान चलाने से बाज नहीं आ रहे है आपको बता दें कि मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के नसीरपुर गांव में एक बी एड कॉलेज है जहां पर स्थानीय और बाहरी छात्र छात्राएं इस कॉलेज में B.ed की पढ़ाई करने आते हैं लेकिन इस कॉलेज में की पढ़ाई रोमांचित कर देने वाली है क्योंकि इस कॉलेज में ज्यादातर एडमिशन रेगुलर तौर पर दिखाए गए हैं लेकिन कभी भी इस स्कूल में कोई क्लास चलती हुई नहीं दिखाई देती यहां तक की स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ पैसे देकर फर्जी तरीके से इस कॉलेज द्वारा रेगुलर एडमिशन दिखाए जाते हैं और सिर्फ एग्जाम के वक्त छात्र-छात्राएं यहां पर आकर एग्जाम देते हैं ऐसे में देखा जाए तो जहां एक तरफ सरकार शिक्षा की गंभीरता को देखते हुए नए-नए कानून ला रही है वहीं इस कॉलेज में बिना कक्षा में आए छात्र b.ed जैसी डिग्रियां हासिल कर रहे हैं हालांकि जनमत टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता लेकिन ऐसे में सवाल उठता है की जो बच्चे जो छात्र ऐसे कॉलेज ऐसे तमाम कॉलेज में से B.ed जैसी डिग्री हासिल करके अध्यापक बनेंगे वह अपने अपने छात्रों को कैसे शिक्षा दे सकते हैं ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि इन स्कूलों के द्वारा जो 420 की जा रही है इसकी जांच होनी चाहिए या नहीं ???