रिपोर्ट – अनिल सैनी।
हरिद्वार। जिला मुख्यालय विकास भवन हरिद्वार से अल्मोड़ा के लिए तीन दिवसीय शैक्षिक भ्रमण पर हरिद्वार जिले की समस्त संकुल स्तरीय सहकारिताओं (CLFs) में से एक – एक पदाधिकारियों को मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) महोदया हरिद्वार, जिला परियोजना प्रबंधक (डीपीएम) ग्रामोत्थान परियोजना, और डीटीई (NRLM) द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इस आयोजन में जिला और ब्लॉक स्तर के समस्त स्टाफ ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का उद्देश्य अल्मोड़ा में संचालित संकुल स्तरीय सहकारिताओं के उत्कृष्ट कार्यों और प्रथाओं का अध्ययन करना और उन्हें हरिद्वार जिले की सहकारिताओं में लागू करना है। यह पहल हरिद्वार जिले में ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन, और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भ्रमण के दौरान, हरिद्वार जिले के पदाधिकारी अल्मोड़ा की सहकारिताओं के कार्य पद्धतियों, नवीनतम तकनीकों और सफल प्रबंधन रणनीतियों का अवलोकन करेंगे। इस जानकारी का उपयोग हरिद्वार जिले में सहकारिता कार्यों को सशक्त बनाने और उनकी आय में वृद्धि के लिए किया जाएगा। यह प्रयास न केवल सहकारिताओं की कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि हरिद्वार जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और सामाजिक-आर्थिक उन्नति के व्यापक उद्देश्यों को भी साकार करेगा।
इस शैक्षिक भ्रमण का प्रमुख उद्देश्य अल्मोड़ा जिले में संचालित सीएलएफ के कार्यों का अवलोकन करना और वहां अपनाई गई नवीनतम तकनीकों एवं सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन करना है। इन प्रथाओं और तकनीकों को हरिद्वार जिले की सीएलएफ में लागू कर उनकी कार्यक्षमता और उत्पादकता को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही, इस विजिट का मुख्य फोकस सीएलएफ सदस्यों की आय में वृद्धि और उनकी आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना है।
इस भ्रमण के दौरान हरिद्वार जिले के प्रतिनिधि अल्मोड़ा में कार्यरत विभिन्न सीएलएफ की कार्य प्रणाली, प्रबंधन और तकनीकी नवाचारों का अध्ययन करेंगे। इन गतिविधियों में शामिल होंगे:
1. नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन: अल्मोड़ा जिले में उपयोग किए जा रहे उन्नत उपकरण और तकनीक जैसे कि प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, और मार्केटिंग में अपनाए गए आधुनिक तरीके।
2. व्यवसाय मॉडल का विश्लेषण: अल्मोड़ा की सीएलएफ द्वारा अपनाए गए व्यवसाय मॉडल, उनके संचालन और लाभ कमाने की विधियों का अध्ययन।
3. संपर्क एवं साझेदारी: वहां के सीएलएफ सदस्यों और विशेषज्ञों से संवाद स्थापित करना, जिससे नई योजनाओं और पहल को समझने में मदद मिल सके।
4. स्थानीय उत्पादों का अध्ययन: अल्मोड़ा की स्थानीय विशिष्टताओं और उनके उत्पादों का अवलोकन करना और उन्हें हरिद्वार में अपनाने के तरीके तलाशना आदि।
इस शैक्षिक भ्रमण से हरिद्वार जिले की सीएलएफ को कई महत्वपूर्ण लाभ होने की संभावना है:
1. आधुनिक तकनीकों का समावेश: अल्मोड़ा में देखे गए उन्नत उपकरणों और तकनीकों को अपनाकर हरिद्वार जिले के सीएलएफ उत्पादकता में सुधार कर सकते हैं।
2. आय में वृद्धि: बेहतर उत्पादकता और उन्नत मार्केटिंग के जरिए सीएलएफ की आय में वृद्धि होगी।
3. सशक्तिकरण: इस भ्रमण से सीएलएफ पदाधिकारियों और सदस्यों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, जिससे वे अपने कार्यों में और अधिक कुशल बनेंगे।
4. नवीन दृष्टिकोण: सीएलएफ के संचालन में नए दृष्टिकोण और विधियों को अपनाकर, हरिद्वार जिले में बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकेंगे।
समर्पण और प्रतिबद्धता
इस कार्यक्रम के आयोजन से यह स्पष्ट होता है कि हरिद्वार जिला प्रशासन और परियोजना प्रबंधन टीम सीएलएफ को सशक्त बनाने और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सीडीओ महोदया और डीपीएम ग्रामोत्थान परियोजना की प्रेरणा और नेतृत्व से हरिद्वार की सीएलएफ को नए आयाम देने की दिशा में यह प्रयास अत्यधिक प्रभावशाली साबित होगा
यह शैक्षिक भ्रमण हरिद्वार जिले की संकुल स्तरीय सहकारिताओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वे अल्मोड़ा जिले की उन्नत प्रथाओं को समझकर उन्हें अपनाकर अपनी कार्य प्रणाली को और अधिक प्रभावी बना सकते हैं। इससे न केवल सीएलएफ की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह ग्रामीण विकास के व्यापक उद्देश्यों को भी साकार करने में सहायक सिद्ध होगा।