रिपोर्ट – अनिल सैनी।
हरिद्वार । सीडीओ हरिद्वार आकांक्षा कोण्डे ने ग्रामोत्थान परियोजना की मासिक समीक्षा बैठक में प्रतिभाग किया। इस बैठक में ब्लॉक और सीएलएफ स्टाफ के साथ संवाद कर विकासखंडों और सभी सीएलएफ में ग्रामोत्थान परियोजना “रीप” के तहत किए गए कार्यों की प्रगति की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई। सीडीओ महोदया ने स्टाफ से सीधे संवाद करते हुए उनकी उपलब्धियों, चुनौतियों, और आगे की योजनाओं पर चर्चा की।
संविधान दिवस की शपथ :-
बैठक की शुरुआत में संविधान दिवस के अवसर पर जिला परियोजना प्रबंधक ने सभी प्रतिभागियों को संविधान की शपथ दिलाई। यह पहल न केवल संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए थी, बल्कि प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देने का भी प्रतीक थी।
समीक्षा के मुख्य बिंदु:-
बैठक में ग्रामोत्थान परियोजना से जुड़े विभिन्न पहलुओं की विस्तार से समीक्षा की गई। इसमें शामिल थे:
1. व्यवसायिक विकास और सीएलएफ का दस्तावेजीकरण:- सभी विकासखंडों में चल रहे उद्यमों के व्यवसाय की प्रगति पर चर्चा की गई। सीएलएफ (क्लस्टर लेवल फेडरेशन) के दस्तावेजों को अद्यतन रखने और उनकी प्रगति का विश्लेषण किया गया।
2. अल्ट्रा पुअर कार्यक्रम:- विशेष रूप से निर्धन वर्ग के लिए संचालित योजनाओं और उनके कार्यान्वयन की समीक्षा की गई।
3. शेयर धन और बीओडी (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) की बैठकें:- बीओडी बैठकों की फ्रीक्वेंसी और उनमें लिए गए निर्णयों की गुणवत्ता का आकलन किया गया।
पशु सखियों को किट वितरण और उनको निर्देश :-
बैठक में एक विशेष पहल के तहत सीडीओ आकांक्षा कोण्डे ने पशु सखियों को किट वितरित की। ये पशु सखियां हाल ही में ऋषिकेश में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी थीं। किट वितरण का उद्देश्य पशु सखियों को अपने कार्य क्षेत्र में और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करना था।
वहीं सीडीओ ने पशु सखियों को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्र में पशु डॉक्टरों के साथ समन्वय स्थापित करें और पशुओं से संबंधित समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने पशु सखियों से फीडबैक भी लिया, जिसमें यह समझा गया कि वे इस किट का उपयोग अपने क्षेत्र में कैसे करेंगी और इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
फील्ड स्टाफ के साथ संवाद:-
सीडीओ महोदया ने बैठक में उपस्थित फील्ड स्टाफ से सीधे संवाद कर उनके कार्यों का मूल्यांकन भी किया। उन्होंने स्टाफ से पूछा कि उन्होंने अपने क्षेत्रों में क्या-क्या कार्य किए हैं और उनकी प्रगति कैसी है। इसके अलावा, सीडीओ महोदया ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि सभी स्टाफ अपने कार्यों को पूरी जिम्मेदारी और ईमानदारी के साथ करें। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी को समय पर अपने निर्धारित लक्ष्य पूरे करने होंगे।
ग्रामोत्थान परियोजना की प्रगति रिपोर्ट:-
जिला परियोजना प्रबंधक ने जिले में चल रही ग्रामोत्थान परियोजना की प्रगति और फील्ड स्टाफ के कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में सभी विकासखंडों की गतिविधियों का विवरण, लक्ष्यों की प्राप्ति, और परियोजना की चुनौतियों का उल्लेख किया गया। डीपीएम ने सीडीओ महोदया को आश्वस्त किया कि सभी कार्य निर्धारित मानकों के अनुरूप पूरे किए जा रहे हैं।
सीडीओ महोदया के निर्देश:-
सीडीओ महोदया ने उपस्थित अधिकारियों और स्टाफ को निर्देश दिए कि:
1. अपने कार्यों को समयबद्ध और जिम्मेदारीपूर्वक पूरा करें।
2. ग्रामोत्थान परियोजना के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए सामूहिक प्रयास करें।
3. ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।
निष्कर्ष:-
इस बैठक ने न केवल परियोजना की प्रगति और कार्यों की समीक्षा का अवसर प्रदान किया, बल्कि भविष्य के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश भी तय किए। संविधान दिवस की शपथ और पशु सखियों को किट वितरण जैसी पहलें ग्रामोत्थान परियोजना के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। फील्ड स्टाफ के साथ संवाद और उनकी जिम्मेदारियों को स्पष्ट करना इस बात का प्रमाण है कि प्रशासनिक नेतृत्व योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के प्रति गंभीर है।
इस बैठक से यह स्पष्ट हुआ कि ग्रामोत्थान परियोजना हरिद्वार जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्तिकरण और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सही दिशा में कार्य कर रही है।